कभी उसे नूर नूर कहता हूँ, कभी मैं हूर हूर कहता हूँ
कभी उसे नूर नूर कहता हूँ, कभी मैं हूर हूर कहता हूँ
इश्क़ में चूर चूर रहता हूँ, दूर न जा ना जा
आँखों आँखों में ही रहना, आँखों आँखों में ही रहना
आँखों आँखों में ही रहना, इश्क़ दी बाजियां
जीतियां ना हारियां, जान से लग गयीं, जान की यारियां
गिन के देख, बदन पे नील दिए हैं इश्क़ ने
पड़े जो हाथ में छाले, छिल दिए हैं इश्क़ ने
वे मैं सारे दुःख सहना, तेनु नई दसना
हो लगियां इश्क़ दी (इश्क़ दी)
बाजियां (बाजियां), जीतियां ना हारियां
जान से (जान से), लग गयी (लग गयी)
जान की यारियां, कभी उसे नूर नूर कहता हूँ
कभी मैं हूर हूर कहता हूँ, इश्क़ में चूर चूर रहता हूँ
दूर न जा(X2)
कभी उसे नूर नूर कहता हूँ, कभी मैं हूर हूर कहता हूँ, इश्क़ में चूर चूर रहता हूँ
ना जा आँखों आँखों में ही रहना
आँखों आँखों में ही रहना (X2)
आँखों आँखों…