बड़ी डांटे ली हमरा के माई,
हम मेला घुमे कईसे आईं,
साथ हमनी के लोग जब देखि,
अब औरी बवाल होई जाई….
जल्दी क के दर्शन तू निकल जईहा हो ,
जल्दी क के दर्शन तू निकल जईहा हो ,
आव परशादी ..,
आव परशादी खाके चल जईहा हो,
ऐ सुगनी आव परशादी खाके चल जईहा हो….
करिहा उपाए ढेर बात नाही बढे,
माई से कह दिह जात बानी पढ़े ….
हाँ जा जा ऐ पागल इ त ,
सोचल तोहर भूल बा,
अभी नवरात्र में त बंद स्कूल बा….
कवनो बहाना से संभल जईहा हो ,
कवनो बहाना से संभल जईहा हो ,
आव परशादी ..,
आव परशादी खाके चल जईहा हो,
ऐ मोरनी आव परशादी खाके चल जईहा हो….
याद करा पर साल दिल से सचवती ,
हमनी के प्यार खातिर भख्लू भख्वती..
देखे खातिर दुर्गा जी के,
जी छटपटतात बा ,
का करीं कुछू न हमरा बुझात बा..
क के वादा डर पे ना बदल जईहा हो ,
क के वादा डर पे ना बदल जईहा हो ,
आव परशादी खाके चल जईहा हो,
ऐ हिरनी आव परशादी खाके चल जईहा हो….
ऐ हिरनी आव परशादी खाके चल जईहा हो….