Kamar Me December Lyrics in Hindi
ऐ जी !
का हो ?
अब हद पार मत करी !
बुझनी ?
अरे का बुझी ?
कमर में दिसंबर ! कमर में दिसंबर !
कमर में दिसंबर ! गुजर जाए दs !
कमर में दिसंबर !
शीतलहरी में बहरी ना जाई ऐ पिया
ई शरीर कश्मीर ना बनाई ऐ पिया
शीतलहरी में बहरी ना जाई ऐ पिया
ई शरीर कश्मीर ना बनाई ऐ पिया
कोईला के आग जस लहर जाए दs
ई सलाई पs काठी रगर जाए दs
का ?
कमर में दिसंबर गुजर जाए दs
गरमाहट के आहट भीतर जाए दs
कमर में दिसंबर गुजर जाए दs
अईसे कईसे गुजर जाए दी ?
गुजर जाए दs ! गुजर जाए दs !
काँपतो बाड़ू चापतो बाड़ू
आग पुअरा के तू तापतो बाड़ू
तs ?
तापतो बाड़ू !
अरे जाड़ नाही आड़े पिया उनवा हो
होखे दs गरम तनी खूनवा हो
साड़ी पs चिंगारी हई बर जाये दs
बे !
तs सलाई पs काठी रगर जाए दs
कमर में दिसंबर गुजर जाए दs
अच्छा !
गरमाहट के आहट भीतर जाए दs
कमर में दिसंबर गुजर जाए दs
अईसे काहे कहतानी ?
कमर में ! कमर में !
कमर में दिसंबर गुजर जाए दs !
सटतो नईखु हटतो नईखु
प्यार हमरा से बटतो नईखु
हs !
बटतो नईखु !
अरे बात मानs पिया नीलकमल हो
देह बा बरफ जस जमल हो
तs देहिये में गरमी कबर जाये दs
की सलाई पs काठी रगर जाए दs
कमर में दिसंबर गुजर जाए दs
गरमाहट के आहट भीतर जाए दs
अरे तs कमर में गुजर जाए दs
अब हद पार मत करी !
बुझनी ?
अरे तs चलs !
कमर ..!