सरसो के। ……
तेल लगा दीं
F:- कमर मे दरद मरद देले बारा
लगे आवे खातिर तु फेरु कहतारा
कमर मे दरद मरद देले बारा
लगे आवे खातिर तु फेरु कहतारा
ला गे मुर्चा छोरा देब वरसो के, वरसो के
(अरे त तोहार मर्दे न हईं | त मुआ दबा का )
M:- आव तेल लगा दी सरसो के
तोहार दरद मिटा दी काल परसो के
आंतरा 1
F:- जानत तानी बात राजा कके मीठी मीठी ,
जवा नी के चोखा संगे खाईबा तु लिट्टी
(बड़ा दिक्कत करे हो – सब बुझत तानी )
M:- त सुना
सारा दरद में ई करेला फायदा
एही दरद खतीर बने द बैदा
F:- फेल कइले बा नी धा र रउवा फरसो के
M:-आव तेल लगा दी सरसो के
तोहार दरद मिटा दी काल परसो के
अंतरा 2
F:- देखिये के तहरा के डर लागता
छुटा लो दारदिया फेरु से जगाता
( बड़ा कास्ट होला – आवा कस्ट के नस्ट करा )
M:-जनी घबरा ना ही चोट पँहुचाइब
कदी आराम धनी तानी लगाइब
F:- खेसा री पवन बोला द नरसो के
M:-आव तेल लगा दी सरसो के
तोहार दरद मिटा दी काल परसो के
आव तेल लगा दी सरसो के
तोहार दरद मिटा दी काल परसो के
ज़िद मत करा ———